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भारतीय पासपोर्ट को मिली ताकत: अब 57 देशों में बिना वीज़ा यात्रा कर सकेंगे भारतीय
भारत ने वैश्विक यात्रा स्वतंत्रता में एक महत्वपूर्ण छलांग लगाई है। हेनली पासपोर्ट इंडेक्स 2025 के अनुसार, भारत का पासपोर्ट रैंकिंग में 85वें स्थान से बढ़कर 77वें स्थान पर पहुंच गया है। अब भारतीय नागरिक 57 देशों में बिना वीज़ा या वीज़ा ऑन अराइवल यात्रा कर सकते हैं। यह अंतरराष्ट्रीय यात्रा, पर्यटन और वैश्विक गतिशीलता के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है।
🗺️ हेनली पासपोर्ट इंडेक्स क्या है?
हेनली पासपोर्ट इंडेक्स एक वैश्विक रैंकिंग है, जो यह दर्शाता है कि किसी देश का पासपोर्ट धारक कितने देशों में बिना पहले से वीज़ा लिए यात्रा कर सकता है। यह रैंकिंग अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर तैयार की जाती है और प्रत्येक तिमाही में अपडेट होती है।
भारत की रैंकिंग में यह सुधार सशक्त कूटनीतिक संबंधों और बेहतर द्विपक्षीय समझौतों का परिणाम है।
✈️ भारतीय यात्रियों के लिए इसका क्या मतलब है?
रैंकिंग में सुधार का अर्थ है कि भारतीय नागरिक अब आसानी से, कम खर्च और कम समय में कई देशों की यात्रा कर सकते हैं। चाहे व्यापार हो, पर्यटन, शिक्षा या पारिवारिक मुलाकात — अब और अधिक विकल्प उपलब्ध हैं।
2025 में भारतीयों के लिए कुछ लोकप्रिय वीज़ा-फ्री या वीज़ा-ऑन-अराइवल देश इस प्रकार हैं:
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दक्षिण-पूर्व एशिया: थाईलैंड, इंडोनेशिया, कंबोडिया, लाओस, श्रीलंका (ETA)
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कैरेबियन द्वीप: जमैका, बारबाडोस, त्रिनिडाड और टोबैगो
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अफ्रीका: केन्या, तंजानिया, मॉरीशस, सेशेल्स
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ओशिनिया: फिजी, माइक्रोनेशिया, समोआ
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दक्षिण अमेरिका: बोलिविया, इक्वाडोर, सूरीनाम
📝 नोट: कुछ देश पूर्ण रूप से वीज़ा-मुक्त नहीं हैं, लेकिन वीज़ा-ऑन-अराइवल या ई-वीज़ा (ETA) सुविधा देते हैं। यात्रा से पहले हमेशा नवीनतम दिशानिर्देश जरूर जांचें।
🛂 पासपोर्ट की ताकत क्यों मायने रखती है?
हेनली एंड पार्टनर्स के सीईओ डॉ. जुएर्ग स्टेफन के अनुसार, आज का पासपोर्ट केवल एक यात्रा दस्तावेज नहीं है — यह किसी देश की कूटनीतिक शक्ति, वैश्विक संबंधों और विदेश नीति का प्रतिबिंब है।
“आपका पासपोर्ट अब केवल एक यात्रा दस्तावेज नहीं है — यह आपके देश के वैश्विक प्रभाव और अंतरराष्ट्रीय संबंधों का प्रतीक है। बढ़ती असमानता और भू-राजनीतिक अस्थिरता के दौर में, रणनीतिक गतिशीलता और नागरिकता योजना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है।”
उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिकी और ब्रिटिश नागरिकों के बीच वैकल्पिक नागरिकता पाने की रुचि तेजी से बढ़ रही है। इस कारण से निवास-के-लिए-निवेश और द्वितीय पासपोर्ट कार्यक्रमों की मांग में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
हेनली पासपोर्ट इंडेक्स को एक वैश्विक मानक माना जाता है, जो यह बताता है कि किसी पासपोर्ट के धारक कितने देशों में बिना वीज़ा के यात्रा कर सकते हैं। यह इंडेक्स IATA के आंकड़ों के आधार पर तैयार होता है और इसे नियमित रूप से अपडेट किया जाता है।
🌐 आगे क्या?
हालांकि भारत अभी भी जापान, सिंगापुर और जर्मनी जैसे शीर्ष देशों से पीछे है, लेकिन यह प्रगति निश्चित रूप से उत्साहजनक है। यह भारत की बढ़ती वैश्विक स्थिति को दर्शाता है और भारतीय यात्रियों के लिए नई संभावनाओं के द्वार खोलता है।
तो यदि आप विदेश यात्रा का सपना देख रहे हैं, तो अब वीज़ा की कम चिंताओं के साथ दुनिया घूमने का सही समय है। नए देशों के लिए रास्ते अब पहले से कहीं ज़्यादा खुले हैं — और भारतीय यात्री एक नई वैश्विक यात्रा युग में प्रवेश कर चुके हैं।