पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच, भारत की वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली ने अपनी दक्षता को साबित किया है और कई हमलों को सफलतापूर्वक नाकाम किया है। भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तानी ड्रोन, लड़ाकू विमान और मिसाइलों को इंटरसेप्ट करने में अपनी मजबूत वायु रक्षा प्रणाली को श्रेय दिया है।
मौजूदा क्षमताओं के साथ-साथ आने वाले उन्नत सिस्टम के जरिए भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को और भी अधिक मजबूत करने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।
एयर मार्शल ए.के. भारती के हालिया बयान ने भारत के आसमान की सुरक्षा में वायु रक्षा प्रणालियों के महत्व को उजागर किया है। उन्होंने इस प्रणाली की तुलना एक ऐसी दीवार से की जिसे पाकिस्तान भेद नहीं सका।
यह बयान दर्शाता है कि वायु रक्षा प्रणाली देश की सुरक्षा में एक अहम भूमिका निभाती है और भारत की सीमाओं की रक्षा के लिए एक मजबूत कवच के रूप में कार्य करती है।
भारत को मिलेंगी तीन अत्याधुनिक मिसाइल प्रणालियाँ
भारत को जल्द ही तीन अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम मिलने वाले हैं, जो देश की वायु रक्षा प्रणाली को और अधिक मजबूत बनाएंगे। इन हाई-टेक मिसाइल प्रणालियों की तैनाती से भारत की हवाई सुरक्षा क्षमताओं में अभूतपूर्व वृद्धि होगी और दुश्मन के किसी भी हवाई हमले का सटीक जवाब दिया जा सकेगा।
आकाश-एनजी (आकाश नेक्स्ट जनरेशन)
70-80 किलोमीटर की रेंज वाली यह मिसाइल प्रणाली लड़ाकू विमानों, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है। इसे DRDO द्वारा विकसित किया गया है और इसकी कार्यप्रणाली इज़राइल की बराक-8 प्रणाली के समान है। वर्ष 2024 में इसकी कई सफल परीक्षण हो चुके हैं और इसे 2025-26 तक तैनात किया जाएगा।-
वीएल-एसआरएसएएम (वर्टिकली लॉन्च्ड शॉर्ट-रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल)
DRDO और भारतीय नौसेना द्वारा संयुक्त रूप से डिजाइन की गई इस मिसाइल की रेंज 20-30 किलोमीटर है और इसे नौसैनिक जहाजों से दागा जा सकता है। वर्ष 2024 में इसका समुद्र और भूमि दोनों से सफल परीक्षण किया गया है। यह क्रूज मिसाइलों और हेलिकॉप्टरों को इंटरसेप्ट करने में सक्षम है। -
क्यूआरएसएएम (क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल)
इसकी रेंज 25-30 किलोमीटर है और यह ड्रोन, क्रूज मिसाइलों और लड़ाकू विमानों को मार गिराने में सक्षम है। इसमें 360-डिग्री रडार और स्वचालित कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम शामिल है, जो इसे एक प्रभावी रक्षा प्रणाली बनाता है। 2024 में इसके कई सफल परीक्षण हो चुके हैं।
ये नई मिसाइल प्रणालियाँ भारत की वायु रक्षा को और अधिक सशक्त बनाएंगी और हवाई हमलों के खिलाफ एक मजबूत सुरक्षा कवच प्रदान करेंगी। मौजूदा क्षमताओं और आने वाले अत्याधुनिक सिस्टम्स के साथ भारत अपने आकाश की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है। इन प्रणालियों की तैनाती देश की सुरक्षा के एक नए युग की शुरुआत करेगी।