G7 Summit News

 “प्रधानमंत्री मोदी वैश्विक तनाव के बीच G7 शिखर सम्मेलन के लिए कनाडा पहुंचे”



G7 शिखर सम्मेलन 2025 लाइव समाचार अपडेट:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G7 शिखर सम्मेलन में ऊर्जा सुरक्षा के भविष्य पर केंद्रित चर्चाओं में भाग लेंगे — जिसमें विविधीकरण, प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचा और निवेश जैसे मुद्दे शामिल हैं — ताकि एक बदलती दुनिया में ऊर्जा की उपलब्धता और वहनीयता सुनिश्चित की जा सके।


G7 शिखर सम्मेलन 2025: ट्रंप की समय से पहले विदाई, इज़राइल-ईरान तनाव और भारत-कनाडा की कूटनीतिक रस्साकशी

कनाडा के कैलगरी में चल रहा 2025 का G7 शिखर सम्मेलन अप्रत्याशित रूप से महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है, जहां विश्व नेता बढ़ते वैश्विक तनाव और नाजुक कूटनीतिक समीकरणों का सामना कर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अचानक विदाई से लेकर मध्य पूर्व में बढ़ते संघर्ष और भारत-कनाडा के तनावपूर्ण संबंधों तक, यह शिखर सम्मेलन वैश्विक राजनीति में एक निर्णायक क्षण बन गया है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने शिखर सम्मेलन समाप्त होने से एक दिन पहले ही अचानक प्रस्थान कर दिया, जिससे उनके इस फैसले को लेकर अटकलें शुरू हो गईं। ट्रंप ने ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में स्पष्ट किया कि उनका जल्दी लौटना इज़राइल-ईरान संघर्षविराम प्रस्ताव के कारण नहीं था, बल्कि उन्होंने एक “कहीं बड़ा कदम” उठाने का संकेत दिया। यह टिप्पणी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के उस दावे के बाद आई जिसमें उन्होंने कहा था कि ट्रंप ने इज़राइल और ईरान के बीच युद्धविराम का प्रस्ताव रखा है।

कैलगरी से रवाना होने से पहले ट्रंप ने अन्य G7 नेताओं के साथ एक संयुक्त बयान में कहा कि “ईरान कभी भी परमाणु हथियार प्राप्त नहीं कर सकता” और मध्य पूर्व में तनाव कम करने की अपील की, जिसमें गाज़ा में संघर्षविराम की बात भी शामिल थी। यह बयान क्षेत्रीय संकट की गंभीरता और इसके पीछे चल रही जटिल कूटनीति को उजागर करता है।

एक अलग पोस्ट में ट्रंप ने ईरानी नागरिकों से “तुरंत तेहरान खाली करने” का आह्वान किया और ईरान पर परमाणु हथियारों को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर न करने का आरोप लगाया, इसे “शर्मनाक” स्थिति बताया।

जबकि इज़राइल-ईरान विवाद सुर्खियों में छाया हुआ है, वहीं सम्मेलन के इतर कुछ अहम द्विपक्षीय वार्ताएं भी जारी हैं — खासकर भारत और कनाडा के बीच। दोनों देशों के संबंध 2023 में उस समय बिगड़ गए थे जब तत्कालीन कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों की “संभावित” भूमिका का आरोप लगाया था। भारत ने इस आरोप को “बेतुका” और “प्रेरित” बताते हुए खारिज कर दिया था।

अब दोनों देश पर्दे के पीछे काम कर रहे हैं ताकि चल रही न्यायिक प्रक्रिया से द्विपक्षीय संबंधों को अलग रखा जा सके। अधिकारियों का कहना है कि दोनों पक्ष रणनीतिक और आर्थिक सहयोग को इस कूटनीतिक विवाद से “बचाकर” आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। यह व्यावहारिक रुख बताता है कि दोनों देश अतीत को वर्तमान और भविष्य की साझेदारी पर हावी नहीं होने देना चाहते।

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऊर्जा सुरक्षा, निवेश और वैश्विक विकास जैसे मुद्दों पर चल रही बैठकों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। उनकी उपस्थिति भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका और वैश्विक एजेंडे को आकार देने में उसकी रणनीतिक भागीदारी को रेखांकित करती है।

2025 का G7 शिखर सम्मेलन, जो मूल रूप से ऊर्जा संक्रमण और आर्थिक पुनर्प्राप्ति जैसे दीर्घकालिक विषयों पर केंद्रित होने की उम्मीद थी, अब संकट प्रबंधन और नाजुक कूटनीति का मंच बन गया है। जैसे-जैसे विश्व नेता संभावित परमाणु संघर्ष से लेकर द्विपक्षीय तनाव तक के मुद्दों का सामना कर रहे हैं, यह सम्मेलन आज की अस्थिर और परस्पर जुड़ी वैश्विक व्यवस्था का प्रतीक बनकर उभरा है।

Rekha Negi

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