ट्रॉफी लेने से भारतीय टीम का इंकार
भारत ने पाकिस्तान को पाँच विकेट से हराकर एशिया कप जीत लिया, लेकिन मैच के बाद असली ड्रामा शुरू हुआ। टीम इंडिया ने साफ़ कह दिया कि वे ACC चेयरमैन और पाकिस्तान के गृहमंत्री मोसिन नक़वी से ट्रॉफी नहीं लेंगे।
नक़वी का विवादित रुख
नक़वी पहले भी कई बार भारत-विरोधी बयान और पोस्ट कर चुके हैं। उन्होंने ‘पाहलगाम आतंकी हमले’ के बाद भारतीय वायुसेना पर तंज कसते हुए वीडियो साझा किए थे और सूर्यकुमार यादव पर ICC से कड़ी कार्रवाई की माँग भी की थी। इसी कारण BCCI ने पहले ही ACC को संदेश भेज दिया था कि खिलाड़ी उनसे ट्रॉफी ग्रहण नहीं करेंगे।
90 मिनट का हंगामा
मैच के बाद लगभग डेढ़ घंटे तक प्रस्तुति समारोह अटका रहा। भारतीय खिलाड़ी और उनके परिवार मैदान पर मौजूद थे, लेकिन मंच पर नक़वी खड़े रहे। टीम इंडिया किसी और गणमान्य से कप लेने को तैयार थी, लेकिन नक़वी के रहते मंच पर नहीं पहुँची।
ट्रॉफी लेकर गए ACC स्टाफ
कमेंटेटर साइमन डूल ने घोषणा की कि भारतीय टीम अपने पुरस्कार नहीं लेगी। इसके बाद नक़वी मंच से नीचे उतर गए और ACC का स्टाफ ट्रॉफी और मेडल लेकर चला गया, जिससे सब हैरान रह गए।
BCCI का अल्टीमेटम
BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने कहा – “हमने साफ़ निर्णय लिया है कि भारतीय टीम पाक मंत्री से ट्रॉफी नहीं लेगी। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे कप और मेडल अपने साथ ले जाएँ। उन्हें तुरंत लौटाया जाए।”
PCB का समर्थन, विवाद गहराया
पाकिस्तान कप्तान सलमान अली आगा ने नक़वी का बचाव करते हुए कहा कि “ACC चेयरमैन के तौर पर उन्हें ट्रॉफी देने का पूरा अधिकार है।”
ICC में गूँजेगा मुद्दा
BCCI अब इस मामले को ICC सम्मेलन (दुबई, नवंबर) में उठाने की तैयारी कर रहा है और नक़वी को ACC चेयरमैन पद से हटाने की माँग कर सकता है।
भविष्य पर सवाल
भारत-पाक मुकाबले हमेशा क्रिकेट को आर्थिक फायदा पहुँचाते हैं, लेकिन इस विवाद ने रिश्तों को और तल्ख़ कर दिया है। अब सवाल यह है कि क्या ऐसे मैच खेलना क्रिकेट के हित में है या नहीं।